GST कलेक्शन में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज

GST कलेक्शन में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज

GST कलेक्शन में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज

Publish Date:Tue, 27 Mar 2018 10:35 PM (IST)

सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद जीएसटी से राजस्व बढ़ नहीं रहा है।
नई दिल्ली। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद जीएसटी से राजस्व बढ़ नहीं रहा है। फरवरी में जीएसटी संग्रह 85,174 करोड़ रुपये रहा है जो जनवरी की तुलना में कम है। चिंताजनक बात यह है कि लगभग एक तिहाई कारोबारी अब भी तय समय में रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं। माना जा रहा है कि जीएसटी संग्रह में गिरावट की वजह कर चोरी है।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी किए। मंत्रालय का कहना है कि फरवरी 2018 में जीएसटी संग्रह 85,174 करोड़ रुपये रहा जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 86,318 करोड़ रुपये था। वहीं दिसंबर में जीएसटी संग्रह 88,929 करोड़ रुपये था।
फरवरी में केंद्रीय जीएसटी के रूप में 14,945 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जबकि राज्य जीएसटी के रूप में 20,456 करोड़ रुपये एकत्रित हुए। इसके अलावा 42,456 करोड़ रुपये आइजीएसटी और 7317 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति सेस के रूप में जुटाए गए हैं। आइजीएसटी फंड में से 25,564 करोड़ रुपये सीजीएसटी और एसजीएसटी के भुगतान के समाधान के तौर पर ट्रांसफर किए गए हैं।
सरकार ने जीएसटी से हर माह लगभग 90 हजार करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद जतायी थी लेकिन एक जुलाई 2017 से यह परोक्ष कर लागू होने के बाद सिर्फ तीन महीनों जुलाई, अगस्त, सितंबर में ही जीएसटी संग्रह 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक रहा है। जीएसटी संग्रह में गिरावट नवंबर में गुवाहटी में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में दो सौ से अधिक वस्तुओं और कई सेवाओं पर छूट देने के बाद आई है।
असल में चिंताजनक बात यह है कि जितने व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करना चाहिए उनमें से करीब एक तिहाई अपना रिटर्न समय पर नहीं भर रहे हैं। जीएसटी में कुल 1.05 करोड़ करदाता पंजीकृत हैं। इसमें से 18.17 लाख करदाताओं ने कंपोजीशन स्कीम ले रखी है। 86.37 लाख कारोबारियों को फरवरी में रिटर्न दाखिल करना था
लेकिन 25 मार्च तक इसमें से मात्र 59.51 लाख ने ही अपना जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल किया। इस तरह महज 69 प्रतिशत कारोबारियों ने ही रिटर्न दाखिल किया। ऐसी स्थिति में लगभग एक तिहाई कारोबारी ऐसे हैं जिन्होंने समय पर अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है। इस रिटर्न के दाखिल करने के वक्त ही कारोबारी टैक्स का भुगतान करते हैं।
माना जा रहा है कि जीएसटी संग्रह में गिरावट की वजह कर चोरी है। यही वजह है कि सरकार एक अप्रैल से ई-वे बिल लागू करने की तैयारी कर रही है। उम्मीद है कि इससे जीएसटी चोरी पर नियंत्रण लगेगा और सरकार का राजस्व बढ़ेगा।
-मासिक राजस्व संग्रह-
माह —- राजस्व (करोड़ रुपये में)
जुलाई – 93,590,
अगस्त – 93,029,
सितंबर – 95,132,
अक्टूबर – 85,931,
नवंबर – 83,716,
दिसंबर – 88,929,
जनवरी – 86,318,
फरवरी – 85,174