6 साल पहले हुए ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी, 15 हजार लोगों को आयकर नोटिस

6 साल पहले हुए ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी, 15 हजार लोगों को आयकर नोटिस

6 साल पहले हुए ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी, 15 हजार लोगों को आयकर नोटिस
10 April 2018

रायपुर। छह साल पहले आपके द्वारा ट्रांजेक्शन के दौरान रिटर्न फाइल में की गई गड़बड़ी के नोटिस अब उपभोक्ताओं के पास आने लगे हैं। राजधानी में अब तक पांच हजार से अधिक तथा प्रदेश भर में 15 हजार से अधिक लोगों के पास आयकर विभाग के नोटिस पहुंच चुके हैं।
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग इन दिनों छह साल पुराने ट्रांजेक्शन के संबंध में उपभोक्ताओं से पूछ रहा है। छह साल पहले अगर आपने 10 लाख से ज्यादा अपने सेविंग अकाउंट में जमा किए हैं या 50 लाख से अपने करंट अकाउंट से निकाले हो तो आपको नोटिस आ सकता है। इस प्रकार आयकर विभाग ने कालाधन रखने वालों पर निगाह सख्त कर दी है तथा ऐसे लोगों को किसी भी प्रकार से बख्शने के मूड में नहीं है।
मान लीजिए कि छह साल पहले 35 लाख की प्रॉपर्टी आपके द्वारा खरीदी गई है, जिसका आप स्रोत नहीं बता पा रहे हैं। इस पर आपको 10 लाख 50 हजार टैक्स ,छह साल में 3 फीसद ब्याज की दर से एक लाख 89 हजार तथा कम से कम पेनाल्टी 10.50 लाख तक देनी पड़ेगी।

इन स्थितियों में भी है नोटिस
1.आपके द्वारा कोई प्रॉपर्टी बेची गई हो और आपने रिटर्न फाइल में सही जिक्र नहीं किया है या फिर प्रॉपर्टी की खरीदारी की हो उस स्थिति में भी।
2. टीडीएस आपका काटा गया हो आपको वह मिसमैच हो रहा है। छह साल पहले रिटर्न फाइल नहीं किए हैं।
इन्हें जाएगा नोटिस
आयकर विभाग के इस नोटिस के दायरे में व्यापारियों के साथ ही नौकरी पेशा, किसान सभी आ गए हैं।
यह है नियम
आयकर के नियमानुसार धारा 148 के तहत आयकर विभाग को आपके रिटर्न पर डाउट है तो वह छह साल तक आपको नोटिस भेज सकता है। आपको इस नोटिस का जवाब देना होगा तथा अगर आपने ऐसा नहीं किया तो 10 लाख से ऊपर पर 30 फीसद टैक्स तथा 100 से 300 फीसद पेनाल्टी लगाई जा सकती है।
यह करना होगा
आपको नोटिस मिलने के 30 दिन के भीतर फिर से आयकर रिटर्न फाइल करना होगा। इसके बाद फिर से इस आयकर रिटर्न की स्क्रूटनी होगी। इस प्रकार के नोटिस तभी आते हैं, जब आयकर अकिारी के पास सबूत होते हैं कि करदाता ने अपनी आय छुपाई है या कम दिखाई है।
एक्सपर्ट का यह है कहना
सीए चेतन तारवानी का कहना है कि नोटिस कानून के अनुसार ही आ रहे हैं। लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि अपने ट्रांजेक्शन वे फिर से जांच लें तथा रिटर्न फाइल करें। अगर आपने गलती से भी कुछ छिपाया है तो फिर से रिटर्न फाइल करें। ईमानदार करदाताओं को किसी भी प्रकार से घबराने की आवश्यकता नहीं है।