वित्त मंत्री की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 29वीं बैठक खत्म, इन बातों पर हुई चर्चा
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 29वीं बैठक खत्म, इन बातों पर हुई चर्चा
Sat Aug 04 17:45:15 IST 2018
नई दिल्ली [ एजेंसी ] । केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में छोटे और मझाेले कारोबारियों के हितों को लेकर कई अहम फैसले लिए गये हैं। देश के कई राज्यों के प्रतिनिधियों और कई मंत्रियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी।
जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि
यह एक ऐतिहासिक बैठक हुई जिसमें पूर्णतया लघु उद्योग, मध्यम उद्योग, खुदरा व्यापारी और छोटे व्यापारियों के संबंध में चर्चा की गई। इस बैठक से पहले जीएसटी के बारे में देशभर के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने व्यापारियों और कारोबारियों से मुलाकात की थी जिसके बाद इस बैठक में उनकी बातों को रखा गया और उनके निस्तारण की बात भी की गई।
जीएसटी की 29वीं बैठक में छोटे और मंझोले व्यापारियों को लेकर बहुत ही सार्थक चर्चा हुई, देशभर से इनके लिए बहुत सारे अच्छे सुझाव जैसे जीएसटी की प्रक्रिया को आसान कैसे बनाए और इस ईमानदार व्यवस्था पर देश के और लोगों को कैसे जोड़ा जाए इन बातों पर चर्चा की गई। वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने देश के सभी राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पिछले 13 महीनों की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि जो आज हम सब छोटे से छोटे व्यापारियों को भी जीएसटी के दायरे में ले आने में सफल हो रहे हैं।
इसके अलावा वित्तमंत्री ने इस बैठक में डिजीटल ट्रांजैक्शन के प्रमोशन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा छोटे व्यापारियों को भी डिजीटल ट्रांजैक्शन के लिए प्रोत्साहित करना होगा ताकि लोग फॉर्मल इकोनॉमी के साथ जुड़ें जिससे टैक्स कलेक्शन भी बढ़ाने की कोशिश की जाए। टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए रुपे डेबिट कार्ड, भीम एप, आधार या यूपीआई के यूएसआइडी बेस्ड ट्रांजैक्शन्स पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जाए ताकि देश के छोटे व्यापारियों या फिर छोटे तबके के उपभोग्ताओं को डिजीटल ट्रांजैक्शन के प्लेटफॉर्म पर पेमेंट करते हुए जीएसटी टैक्स का पैसा 20 प्रतिशत कैशबैक के रूप में वापस मिल जाए। काउंसिल ने ये निर्णय एक ट्रायल के रूप में लिया है। इसके लिए इसका सॉफ्टवेयर और वैकेन्ट बनाया जाए और जो राज्य इसमें वॉलिन्टियर करना चाहते हैं उन राज्यों में लागूकर देखा जाए कि इसमें कितना लाभ हो रहा है।