ई-वे बिल सिस्टम: पहली दो कार्रवाई रायपुर में, जितना टैक्स उतना ही लगा जुर्माना

ई-वे बिल सिस्टम: पहली दो कार्रवाई रायपुर में, जितना टैक्स उतना ही लगा जुर्माना

ई-वे बिल सिस्टम: पहली दो कार्रवाई रायपुर में, जितना टैक्स उतना ही लगा जुर्माना

ई-वे बिल सिस्टम की शुरुआत के साथ ही पहली दो कार्रवाइयां रायपुर में की गई हैं। बताया गया है कि राजनांदगांव व दुर्ग की दो फर्मों के मालवाहक ट्रकों को बगैर किसी कागजात के पकड़ा गया है।
यह कार्रवाई केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने की है। बताया गया है कि दोनों मामलों में जितना टैक्स उतने के बराबर जुर्माना भी वसूला गया है। ई-वे बिल मामले में राज्य में की गई यह पहली कार्रवाई है।
बताया गया है कि पहला मामला 1 अप्रैल को ई-वे बिल व्यवस्था लागू होने के दिन ही पकड़ा गया। राजनांदगांव के एक व्यावसायी रजा ट्रेडर्स का माल मोल्डेड फर्नीचर जो हैदराबाद से मंगाया गया था, इसे रायपुर भाठागांव के पास ट्रक समेत पकड़ा गया।
यह माल रायपुर में बेचने के लिए लाया जा रहा था। भाठागांव के पास जांच दल ने वाहन को रोककर जांच की तो पाया कि माल संबंधी कोई दस्तावेज नहीं थे।
इस मामले में रजा ट्रेडर्स के संचालक से 45 हजार रुपए का टैक्स वसूला गया, 45 हजार रुपए बतौर जुर्माना लिया गया।
बगैर इनोवाइस परिवहन पकड़ा गया

दो अप्रैल को जांच दल ने रायपुर चौक के पास एक ट्रक को रोककर जांच की। ट्रक में कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले पाइप लदे थे। जांच में पाया गया कि वाहन में माल परिवहन संबंधी कोई इनोवाइस नहीं है।
बताया गया है कि यह माल दुर्ग की फर्म किसान एग्रोटेक का था। यह माल दुर्ग से आरंग ले जाया जा रहा था। इस मामले में माल के मालिक किसान एग्रोटेक से 78 हजार रुपए का टैक्स व इतनी ही राशि के जुर्माने के साथ 1 लाख 46 हजार रुपए वसूल किए गए।
सूत्रों के अनुसार मामला पकड़े जाने के बाद माल के मालिक ने तुरंत राशि अदा कर दी है।
टीम कर रही है जांच

बताया गया है कि ई-वे बिल की जांच करने के लिए चार अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इसमें केंद्र व राज्य जीएसटी से जुड़े अधिकारी शामिल हैं।
ये लोग मालवाहकों की जांच कर रहे हैं। बताया गया है कि प्रदेश में अब तक करीब साढ़े दस हजार व्यवसायियों तथा 314 ट्रांसपोर्टर्स ने ई-वे बिल के लिए पंजीयन कराया है।
पहले दो दिनों में करीब साढ़े सात हजार ई-वे बिल जारी हुए हैं। छत्तीसगढ़ में जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या सवा लाख है।
छत्तीसगढ़ में 10 प्रतिशत से कम डीलरों का पंजीयन

छत्तीसगढ़ में जीएसटी के लिए पंजीकृत सवा लाख डीलरों में से केवल साढ़े दस हजार डीलरों ने ई-वे बिल के लिए पंजीयन कराया है। यानी अभी दस प्रतिशत से कम डीलर ही पंजीकृत हैं। बताया गया है कि अभी केवल अंतरराज्यीय परिवहन के लिए ही ई-वे बिल व्यवस्था लागू की गई है।
जल्द ही एक से दूसरे राज्य में माल परिवहन के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। ऐसे में दूसरे राज्यों को माल भेजने वाले डीलरों के लिए पंजीयन आवश्यक है। अगर किसी डीलर का माल छत्तीसगढ़ से बगैर जांच के निकल भी गया, तो दूसरे राज्य में पकड़ा जाएगा।
वाणिज्यिक कर विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि नई व्यवस्था में यह आवश्यक भी है कि जितना माल परविहन कराया जा रहा है, उतने का ही ई-वे बिल जनरेट करें। कम मात्रा का बिल बनाने पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।