जीएसटी में कम हो सकते हैं स्लैब, जीएसटी काउंसिल की मीटिंग है आज

जीएसटी में कम हो सकते हैं स्लैब, जीएसटी काउंसिल की मीटिंग है आज

जोसफ बर्नाड,नवभारत टाइम्स | Updated Aug 4, 2018, 06:18 AM IST
नई दिल्ली
गुड्स एेंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लेकर सरकार ने अब एक देश आैर एक टैक्स पर काम करना शुरू कर दिया है। सरकार जहां एक तरफ जीएसटी की 28 फीसदी टैक्स स्लैब को खत्म करने पर काम कर रही है, वही दूसरी तरफ वह 12 आैर 18 फीसदी के जीएसटी के स्लैब को एक करने पर काम कर रही है।

जीएसटी के फिटमेंट कमिटी के प्रमुख आैर बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी के अनुसार अब सरकार, जीएसटी के 12 आैर 18 फीसदी के टैक्स स्लैब को एक करने पर काम कर रही है। इस बारे में राज्यों से बातचीत की जा रही है। 12 आैर 18 फीसदी टैक्स स्लैब को 14 फीसदी का टैक्स स्लैब बनाया जा सकता है।

28 फीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म करने की तैयारी
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार धीरे-धीरे अब जीएसटी के 28 फीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म किया जा रहा है। मौजूदा समय में जीएसटी के 28 फीसदी स्लैब में 37 प्रोडेक्ट्स ही बचे हैं। इसको भी इस स्लैब से निकाल लिया जाएगा। सीमेंट को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से बाहर निकालने पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति बन चुकी है। सूत्रों के अनुसार अब सरकार यह देख रही है कि जीएसटी टैक्स की स्थिति क्या है। अगर जीएसटी के टैक्स स्लैब को कम किया गया तो इसका टैक्स कलेक्शन पर क्या असर पड़ेगा।

सुशील मोदी का कहना है कि जीएसटी टैक्स स्लैब में बदलाव से टैक्स कलेक्शन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इसका कारण है कि जीएसटी कम होने से वाल्युम बढ़ेगा। यानी कारोबार बढ़ेगा। कारोबार बढ़ने से टैक्स कलेक्शन में इजाफा होगा। जाे लोग यह कह रहे है कि जीएसटी कम होने से टैक्स कलेक्शन कम होगा, वे सिक्के का एक पहलू देख रहे हैं, उन्हों सिक्के का दूसरा पहलू भी देखना चाहिए।

क्या होगा शनिवार की बैठक में
जीएसटी काउंसिल की शनिवार को अहम बैठक है। यह बैठक पूरी तरह से छोटे-मझोले कारोबारियों पर फोकस होगी। बैठक में एमएसएमई सेक्टर को बूस्टर पैकेज मिलने की उम्मीद है। साथ ही डिजिटल ट्रांजैक्शन और ई-पेमेंट पर कैशबैक स्कीम पर भी काउंसिल में सहमति बनने के आसार हैं। सुशील मोदी के अनुसार हमारी कोशिश होगी कि हम ज्यादा से ज्यादा छोटे कारोबारियों को फायदा दे सकें। हम चाहते हैं कि जीएसटी आने के बाद छोटे आैर मझौले व्यापारियों के कारोबार को कारोबार करना आसान हो। एेसे में इस बैठक में इस बैठक में छोटे कारोबारियों से जुड़ी परेशानियों को दूर करने की कोशिश की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार जीएसटी की बैठक में एमएसएमई को राहत पर 100 से ज्यादा सिफारिशें राज्यों से मिली हैं। इन सिफारिशों के आधार पर इंटर स्टेट कारोबार पर भी छूट मिल सकती है। अभी इंटर-स्टेट लेनदेन में जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इसके अलावा एमएसएमई के भुगतान के एक हिस्से का रिफंड, रिफंड की प्रक्रिया सरल बनाने, देश में कहीं भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सुविधा देने, सिंगल जीएसटी आईडी से पूरे देश में कारोबार करने की सुविधा देने, टर्नओवर की सीमा बढ़ाने पर, तिमाही रिटर्न पर हर माह टैक्स भरने से राहत अपील की फीस आधी करने जैसी सिफारिशों पर भी अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

सभी पुराने टैक्स मामलों का होगा वन-टाइम सेटलमेंट

सभी पुराने टैक्स मामलों का होगा वन-टाइम सेटलमेंट!
इकनॉमिक टाइम्स
Updated Aug 3, 2018, 08:34 AM IST
दीपशिखा सिकरवार, नई दिल्ली
सेंट्रल एक्साइज और वैल्यू ऐडेड टैक्स से जुड़े सभी पुराने मुद्दों के एक बारे में निपटारे पर विचार किया जा सकता है। इससे गुड्स ऐड सर्विसेज टैक्स (GST) के रास्ते में आ रही मुश्किलें दूर हो जाएंगी। GST काउंसिल 4 अगस्त को होने वाली अपनी मीटिंग में इस प्रपोजल पर विचार करेगी।

अगर इसे मंजूरी मिलती है तो अधिकारी टैक्स से जुड़े पुराने मुद्दों से निपटने के बजाय GST कंप्लायंस पर ध्यान दे सकेंगे। इससे सरकार को एकमुश्त बड़ा रेवेन्यू भी मिल सकता है। प्रपोजल के अनुसार, इस स्कीम में असेसमेंट के साथ एरियर शामिल होंगे। देश में पिछले वर्ष 1 जुलाई से GST को लागू किया गया था। इसने सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, काउंटरवेलिंग ड्यूटी, वैल्यू एडेड टैक्स (VAT), एंट्री टैक्स और परचेज टैक्स जैसे कई टैक्स की जगह ली थी। देश भर में VAT सिस्टम समान नहीं था और प्रत्येक राज्य के अपने कानून और प्रक्रियाएं थीं। व्यापारियों को प्रत्येक राज्य के VAT सिस्टम के अनुसार रिटर्न भरनी पड़ती थी।

इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स ने बताया कि हर राज्य में हरेक डीलर के लिए 2-3 VAT असेसमेंट बकाया है। इस वजह से कंपनियों को नए GST कानून और कंप्लायंस के साथ ही VAT के पुराने असेसमेंट को पूरा करने के लिए भी जूझना पड़ रहा है। टैक्स से जुड़े अधिकतर कर्मचारी अब GST में शिफ्ट हो गए हैं और पुराने टैक्स सिस्टम से जुड़ी प्रक्रियाओं के लिए बहुत कम कर्मचारी बचे हैं। इस वजह से भी टैक्स से जुड़े पुराने मामले अटक रहे हैं।

KPMG के पार्टनर (इनडायरेक्ट टैक्स), हरप्रीत सिंह ने बताया, ‘देश भर में मौजूदगी रखने वाली FMCG और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स की कंपनियों के प्रत्येक राज्य में कम से कम 2-3 असेसमेंट लंबित हैं। इस वजह से 20 राज्य में बिजनेस रखने वाली किसी कंपनी के बकाया VAT असेसमेंट की कुल संख्या 40 से अधिक है।’

सरकार टैक्स से जुड़े विवाद और कानूनी मामले कम करना चाहती है। इसी वजह से सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) के साथ ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज की ओर से अपील दायर करने की वित्तीय सीमाओं को बढ़ाया गया है। CBIC अब ट्राइब्यूनल से 18 पर्सेंट, हाई कोर्ट से 22 पर्सेंट और सुप्रीम कोर्ट से 21 पर्सेंट मामले वापस लेगी। CBIC ने अपने अधिकारियों को पुराने मामलों का जल्द निपटारा करने और GST सिस्टम पर ध्यान देने का निर्देश दिया है। सरकार टैक्स से जुड़े पुराने मामलों के समाधन के लिए पेनल्टी और इंटरेस्ट में छूट दे सकती है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक 21 जुलाई कोः कुछ वस्तुओं पर घट सकती हैं टैक्स की दरें

जीएसटी काउंसिल की बैठक 21 जुलाई कोः कुछ वस्तुओं पर घट सकती हैं टैक्स की दरें

जिन उत्पादों पर जीएसटी दर में कटौती की जा सकती है उनमें हस्तशिल्प और हथकरघा सामान, नैपकिन और कुछ अन्य सेवायें शामिल हो सकतीं हैं.

नई दिल्लीः जीएसटी काउंसिल अपनी आने वाली बैठक में कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दर घटा सकती है. ज्यादातर ऐसी वस्तुओं पर दर में कटौती की जा सकती है जिनका राजस्व प्राप्ति पर ज्यादा असर पड़ने की संभावना नहीं है. जीएसटी काउंसिल की बैठक 21 जुलाई को होगी.

इन वस्तुओं पर ङघट सकता है टैक्स

जिन उत्पादों पर जीएसटी दर में कटौती की जा सकती है उनमें हस्तशिल्प और हथकरघा सामान, नैपकिन और कुछ अन्य सेवायें शामिल हो सकतीं हैं. माल और सेवाकर यानी जीएसटी देश में एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था. इस व्यवस्था में चार दरें पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी रखी गई है. कई उद्योग संगठनों और संबंध पक्षों ने असंगठित क्षेत्र में तैयार किये जाने वाले सामान्य स्वास्थ्य और रोजगार पैदा करने वाले उत्पादों पर दर में कटौती की मांग की है.

क्या सैनिटरी नैपकिन पर घटेगा टैक्स

एक अधिकारी ने कहा , ‘‘ विभिन्न पक्षों की तरफ से की गई मांग को देखते हुये काउंसिल कई तरह के उत्पादों पर टैक्स दरों को तर्कसंगत बनाने के मुद्दे पर गौर कर सकती है. काउंसिल मुख्य तौर पर ऐसे उत्पादों पर गौर कर सकती है जो कि आम उपभोग का सामान हो और जिनका राजस्व पर भी ज्यादा असर नहीं हो.’ ज्यादातर हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के साथ-साथ सेनिटरी नैपकिन पर इस समय 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है. इन उत्पादों को जीएसटी से मुक्त करने की मांग उठती रही है.

जनवरी में 54 सेवाओं और 29 वस्तुओं पर घटा था टैक्स

जीएसटी के बारे में कोई भी फैसला लेने के मामले में जीएसटी काउंसिल ही सर्वोच्च निकाय है. काउंसिल ने इससे पहले जनवरी 2018 में हुई बैठक में 54 सेवाओं और 29 वस्तुओं पर जीएसटी दर में कटौती का फैसला लिया था. इससे पहले नवंबर 2017 में हुई बैठक में भी काउंसिल ने 178 वस्तुओं को जीएसटी की सबसे ऊंची दर 28 फीसदी के वर्ग से हटाया था. इस दौरान काउंसिल ने रेस्त्राओं के लिये भी टैक्स की दर घटाकर 5 फीसदी कर दी थी.

पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी से सरकार को कुल 7.41 लाख करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई. इस लिहाज से पिछले वित्त वर्ष में औसत मासिक प्राप्ति 89,885 करोड़ रुपये रही. केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली ने विश्वास जताया है कि जीएसटी के तहत राजस्व प्राप्ति बढ़ने के साथ टैक्स दरों को अधिक तर्कसंगत बनाने की सरकार की क्षमता बढ़ेगी.

आधार लिंक होने के बाद इनकम टैक्स विभाग की है आप पर नजर, ITR भरते समय न करें ये 11 गलतिया

आधार लिंक होने के बाद इनकम टैक्स विभाग की है आप पर नजर, ITR भरते समय न करें ये 11 गलतिया

नई दिल्ली. आयकर विभाग ने करदाताओं को एडवाइजरी जारी कर ITR फार्म भरते समय आय-व्यय की सही जानकारी देने का आग्रह किया है। साथ ही विभाग ने चेतावनी दी है कि आय-व्यय से संबंधित कोई भी जानकारी छुपाने पर आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। आपके द्वारा दी गई जानकारी अगर गलत निकलती है तो आप पर आपराधिक केस और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आयकर विभाग ने साफ तौर पर कह दिया है कि आपके हर लेन-देन पर हमारी नजर है। आयकर विभाग बकायदा एडवाइजरी जारी करके करदाताओं को 11 तरह के संदिग्ध लेन-देन के बारे में आगाह किया है।

ये 11 गलतियां पड़ सकती हैं भारी

1.एचआरए के लिए नकली बिल ना लगाएं : आयकर विभाग ने कहा है कि टैक्स भरने से बचने के लिए करदाता एचआरए ( मकान किराए) में मोटी रकम खर्च करने का नकली बिल लगाकर टैक्स में छूट लेते थे। इस पर आयकर विभाग ने नया नियम बनाया है कि अगर आप 2 लाख रुपए से ज्यादा मकान का किराया देते हैं तो मकान मालिक का पैन कार्ड देना होगा। ऐसा करने पर ही आपको टैक्स में छूट मिलेगी। वहीं दूसरी ओर मकान मालिक की आय के बारे में विभाग को पता चल जाएगा।
2. ब्याज और एफडी की सही जानकारी दें : ITR भरते समय आपको फार्म-26AS भरने को कहा जाता है, जिसमें आपसे आपकी एफडी (फिक्सड डिपॉजिट), टीडीएस, आरडी के बारे में जानकारी मांगी जाती है। इसमें सही जानकारी देना जरूरी है। गलत जानकरी निकलने पर आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
3. 80C के तहत छूट के लिए देना होगा प्रमाण : आयकर विभाग टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स भरने में छूट मिलती है। जिसमें तहत व्यय का प्रमाण नहीं देना होता था। लेकिन इसके बढ़ते दुरुपयोग के कारण विभाग ने नया नियम बना दिया। इसमें आपकों व्यय का प्रमाण देना होगा तभी 80C के तहत छूट मिलेगी। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए फार्म- 16 भरना होता है।
4. दान की गलत जानकारी ना दें : दान की गई रकम पर टैक्स अधिनियम की धारा 80G, 80GGA और 800GGC के तहत टैक्स में छूट मिलती है। इस पर आयकर विभाग ने चेतावनी दी है कि करदाता दान की रकम के बारे में गलत जानकारी ना दें। टैक्स से बचने के लिए फर्जी कागजात बनाकर विभाग गुमराह ना करें। ऐसा करने पर सीधी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
5.पारिवारिक आय ना छिपाएं : आयकर विभाग का कहना है कि अगर आप अपने बच्चे या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर कोई व्यापार करते हैं तो उससे होने वाली आय के बारे में जानकारी दें। ऐसा ना करना अपराध के दायरे में आता है।
6. मकान के किराए का हिसाब दे: आयकर विभाग ने कहना है कि एक आदमी के कई मकान होते और प्रापर्टी होती हैं, जिनसे आने वाले किराए के बारे में वो जानकारी नहीं देते हैं। इसके बारे में जानकारी देना जरूरी है। अगर आयकर विभाग ने ऐसे करते पकड़ा तो आपके ऊपर भारी जुर्माना लग सकता है। जानकारी छिपाने के आरोप में सजा भी हो सकती है।
7. आय के स्त्रोतों को ना छिपाएं : आयकर विभाग ने कहा है कि करदाताओं को अपनी आय के सभी स्त्रोतों के बारे में जानकारी देना जरूरी है। एक से अधिक आय के स्त्रोत होने पर लोग इसे छिपा लेते हैं। ऐसा करना कानूनन अपराध है। विभाग का कहना है कि अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपने नौकरी बदली है तो अपनी नई पोजीशन और आय के बारे में बताना जरूरी है।
8. अतिरिक्त आय का देना होगा हिसाब : आयकर विभाग ने साफ कह दिया है कि करदाताओं को अपने मुख्य आय के स्त्रोत के अलावा अन्य आय के स्त्रोतों के बारे में भी जानकारी देनी होगी। क्योंकि लोग मुख्य आय के स्त्रोत से ज्यादा अतिरिक्त स्त्रोतों से कमाते हैं, लेकिन उसकी जानकारी नहीं देते।
9. इनवैलिड होम लोन पर नहीं मिलेगी राहत : आयकर विभाग ने साफ तौर पर कह दिया है कि किसी पुराने मकान के लोन की राशि भरने के नाम पर टैक्स में छूट नहीं मिलने वाली। अगर आप गलत जानकारी देकर आयकर विभाग को गुमराह करते हैं तो आधार कार्ड और पैन कार्ड के जरिए पकड़ में आ जाएंगे।
10. सभी के लिए नहीं है फार्म 15G/ 15H : अगर आप फार्म 15G या फिर 15H भरने जा रहे हैं तो पहले आप ठीक तरीके से जांच लें कि आप इसके लिए योग्य हैं या नहीं। यह आपकी सालाना आय पर निर्भर करता है कि इन दोनों में आपको कौन सा फार्म भरना है। अगर आप इस फार्म में गलत जानकारी देते हैं तो आईटी डिपार्टमेंट द्वारा पकड़े जाने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है।
11. कुल पूंजीगत लाभ बताना होगा : आयकर विभाग के अनुसार करदाताओं को विभिन्न क्षेत्रों में लगी कुल पूंजी से होने वाली आय के बारे में जानकारी देनी होगी। आयकर विभाग का कहना है कि पिछले साल पूंजीगत लाभ में टैक्स बचाने के लिए करदाताओं ने टैक्स अधिनियम की धारा 54, 54एफ, 54ईसी के तहत झूठे दावे किए थे। जिसको आईटी विभाग ने कुछ दिनों बाद पकड़ लिया था। आयकर विभाग ऐसे रखता है नजर
वेतनभोगी और व्यापारी अगर ऐसा सोचते हैं कि वो अपनी आय-व्यय के बारे में गलत जानकारी देकर बच सकते हैं तो यह संभव नहीं है। क्योंकि आप जितनी बार बैंकों में पैसा जमा करते हैं या निकालते हैं। इसकी जानकारी आधार और पैन कार्ड के जरिए इनकम टैक्स विभाग तक पहुंच जाती है।
इसको आप ऐसे समझ सकते हैं। अगर एक ही व्यक्ति कई शहरों के अपने बैंक खातों पर 2.50 लाख रुपए से ज्यादा जमा करता है या इससे अधिक का लेनदेन करता है तो संबंधित बैंक आधार नंबर के जरिए खाताधारक के जिले के आयकर विभाग को इसकी जानकारी देते हैं। मतलब आप किसी भी शहर में किसी भी बैंक से पैसा लें या फिर बैंक को दें, दोनों पर ही आयकर विभाग की नजर होती है। लीविंग स्टेटस बताता है कितने अमीर हैं आप
आप किस कार से चलते हैं और आपके पास कितनी लग्जरियस एसेसिरीज हैं। रहन-सहन और सालाना खर्च के साथ ही शादी पार्टी जैसे आयोजनों पर आप कितना खर्च करते हैं। इससे भी आयकर विभाग आपकी संपत्ति के बारे में पता लगा लेता है। अन्य तरह की संपत्ति के बारे में आयकर विभाग की अन्य विंग पता लगा लेती हैं।

Advocate Neelesh Kushwaha
Tax consultant

Goverment extends due date of Linking Aadhaar with PAN till 31st March 2019

Goverment extends due date of Linking Aadhaar with PAN till 31st March 2019 [Read Order]

cbdt-order-regarding-linking-of-pan-with-aadhaar-while-filing-of-itrs-30-06-2018

ऑनलाइन इंस्टैंट पैन (EPAN) की सुविधा लॉन्च

ऑनलाइन इंस्टैंट पैन (EPAN) की सुविधा लॉन्च कर दी है.

PAN के लिए इनकम टैक्स विभाग की नई सुविधा लॉन्च, मुफ्त में आएगी आपके काम

पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) कार्ड बनवाना एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन अब आप इसे घर बैठे ही जेनरेट कर सकेंगे. इनकम टैक्स विभाग ने ऑनलाइन इंस्टैंट पैन (EPAN) की सुविधा लॉन्च कर दी है.

नई दिल्ली: पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) कार्ड बनवाना एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन अब आप इसे घर बैठे ही जेनरेट कर सकेंगे. इनकम टैक्स विभाग ने ऑनलाइन इंस्टैंट पैन (EPAN) की सुविधा लॉन्च कर दी है. इसके लिए यूजर को इनकम टैक्स विभाग के पोर्टल पर लॉग-इन करना है और रजिस्टर्ड मोबाइल, वैलिड आधार डिटेल्स भरनी होंगी. इसके लिए अलग से कोई डॉक्यूमेंट जमा नहीं करना होगा. ये सुविधा पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेगी. इनकम टैक्स विभाग ने ई-पैन की सुविधा लिमिटेड पीरियड के लिए ही रखी है. यूजर्स को ई-पैन जेनरेट करने के लिए अपने हस्ताक्षर की एक स्कैंड कॉपी jpeg या jpg फॉर्मेट में तैयार रखनी होगी.

क्या है ई-पैन सुविधा
> अब आप अपनी आधार की डिटेल्स दुरुस्त रखें क्योंकि उसी के आधार पर ई-केवाईसी होगा.
> जिसके बाद आपको सफेद कागज पर साइन करके उसे अपलोड करना होगा.
> एप्लिकेशन फाइल करते ही 15 डिजिट का एक अकनॉलेजमेंट नंबर जेनरेट हो जाएगा.
> ये सुविधा मुफ्त है और सिर्फ इंडिविजुअल टैक्स पेयर्स के लिए है.
> एचयूएफ, फर्म्स, ट्रस्ट और कंपनियां ई-पैन नहीं जेनरेट कर सकते.

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कैसे भरना होगा फॉर्म
> सबसे पहले इनकम टैक्स ई-फाइलिंग की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं. यहां आपको ई-पैन ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
> नए पेज पर नीचे दो ऑप्शंस मिलेंगे. यहां Apply instant e-PAN पर क्लिक करें.
> अगले पेज पर बताया गया है कि आने वाले पेज पर नाम किस तरह भरें. बाकी दिशा-निर्देश को अच्छी तरह पढ़ लें.
> इस पेज पर Title वाले कॉलम में श्री, श्रीमति या कुमारी का चयन करें. फिर फर्स्ट, मिडल और लास्ट नेम में अपना नाम भरें. नीचे जन्मतिथि का कॉलम है. उसके सामने लिंग का चयन करें. नीचे आधार नंबर डालें और सबमिट पर क्लिक कर दें.
> इस पेज पर बताया गया है कि अगले पेज पर आधार ई-केवाईसी के मुताबिक सारे डीटेल खुद ही अपलोड मिलेंगे. साथ ही, शादीशुदा महिला के लिए पति का नहीं माता या पिता का ही नाम देना होगा.
> अगले पेज पर यदि आपका कोई दूसरा नाम है तो वह डालना होगा अगर नहीं तो नो का ऑप्शन चुनना होगा. आप अपने माता-पिता में जिनका नाम देना चाहते हैं, उनका चयन करके पूरा नाम डाल दें और Next बटन पर क्लिक करें.
> यहां आय का सही स्रोत बताना होगा. अगर कमाई नहीं है तो No Income का चयन करें. इसके अलावा अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी डाल दें. बाकी की जरूरी जानकारी भी डाल दें.
> अब अगले पेज पर आपको अपने सिग्नेचर की स्कैंड कॉपी jpeg या jpg फॉर्मेट में अपलोड करनी होगी. अपलोड करने के बाद अप्लाई करके नेक्स्ट बटन को क्लिक कर दें.
> अब रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर वन टाइम पासवर्ड (OTP) आएगा. पहले स्थान पर मोबाइल का और दूसरे कॉलम में ईमेल पर आया ओटीपी डालकर सबमिट कर दें.
> अब अगले पेज पर पूरी प्रक्रिया सफल होने की सूचना के साथ अकनॉलेजमेंट नंबर (आवेदन प्राप्ति की संख्या) भी मिलेगा.
> इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से इसके लिए एक मेल आएगा. मेल में ई-पैन अटैच होगा, जहां से आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं.

पैन कार्ड को आधार से लिंक कराना है जरूरी
अगर आपने अभी तक अपने पैन कार्ड (PAN) को आधार (Aadhaar) से लिंक नहीं किया है तो आपको कई टेंशन झेलनी पड़ सकती है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने पैन को आधार के लिंक करने की आखिरी तारीख 30 जून तय की है. सीबीडीटी आधार से पैन को लिंक करने की तारीख चार बार बढ़ा चुका है. आपको बता दें कि ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने के लिए आपको पहले अपने आधार कार्ड को पैन से जोड़ना होगा. सरकार ने पैन के साथ आधार को जोड़ना अनिवार्य बना दिया है.

E-Pan card free of cost

E-Pan card free of cost

Instant e-PAN allotment (Beta version) in near to real time is available free of cost for limited period. Individuals (other than minors) with a valid Aadhaar number (with updated Mobile number) can avail the e-PAN allotment facility.

What are the Prerequisites ?

Applicant already having PAN should not apply for e-PAN.

The e-PAN facility is ONLY for resident Individuals (Except Minors and others covered u/s 160 of Income Tax Act, 1961) and not for HUF, Firms, Trusts, and Companies etc.

Active Mobile number linked with Aadhaar to receive Aadhaar OTP (One Time Password). To verify the registered mobile number in Aadhaar, please visit UIDAI portal (Verify mobile number / email at Aadhaar).

e-PAN is generated using the particulars available in Aadhaar. Details such as Name, Date of Birth, Gender, mobile number and address in Aadhaar is not correct or not updated, please update the same in UIDAI prior applying e-PAN.

How to apply for e-PAN ?

Go to https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/
1st of All you have to enter the Title , First name , Middle Name and Surname/Last Name as per the Aadhaar issued by UDI.
Enter the latest data into the forms.
Abbreviations/Initials in Aadhaar name are not permitted in the First and the Last name/Surname.
To avail e-PAN, details given in Aadhaar should exactly match with applicant’s full name, date of birth and gender as is mentioned in on-line PAN application form.
SUBMIT the Form.
Then System send Authentication OTP to registered Mobile Number.
Once Aadhaar e-KYC is successful based on Aadhaar OTP, the process of e-PAN application will be initiated.
To apply for e-PAN, applicant needs to upload the scanned copy of the signature on a white paper in the specification given below:-
Resolution – 200 DPI
Type – Color
File type – JPEG
Size – Max. 10 KB
Dimension – 2X4.5 cm (Only the Signature to be scanned)

This is paper-less facility therefore no physical documents are required to be sent by the PAN applicant.
How to generate Acknowledgement ?

After successful filing of e-PAN application, a 15 digit acknowledgement number will be generated and sent to the mobile number/email ID mentioned in the application form.
How to Download e-PAN ?

Once the e-PAN is successfully allotted, the applicant will receive the SMS/eMail alert. e-PAN may be downloaded in e-Filing Portal by clicking on Instant e-PAN –> “Check Instant e-PAN Status” . Acknowledgement number and Mobile OTP (OTP will be sent to the mobile number as provided in the application form) will be validated to download the e-PAN.

FAQ
Some Important FAQ as under

1. Is e-PAN a valid proof of allotment of PAN?
Answer:Yes.

2.How Aadhaar is verified during the process of e-PAN?
Answer:OTP based Aadhaar e-KYC will be carried out.

3.What should I do if I haven’t received my OTP?
Answer:You can regenerate OTP by resubmitting the Aadhaar e-KYC.

4.How many times OTP can be generated?
Answer:Any number of time.

5.During e-KYC, my Aadhaar authentication is rejected. Why? How can this problem be resolved? Who shall be contacted in this case?

Answer:There may be many reasons for rejection of Aadhaar authentication such as wrong OTP, difference between name, gender, date of birth and address fields in PAN application and Aadhaar. Problem can only be solved once there is no difference in PAN application and Aadhaar. Please update the necessary correction in UIDAI.

6.First name in Aadhaar is written in initials. But PAN application does not allow initials. Will the e-KYC be successful or will it get rejected. In this scenario, is the taxpayer required to get changes done in Aadhaar?
Answer:Aadhaar e-KYC will get rejected, PAN applicant need to update the changes in Aadhaar.

7. Can a different address other than that on the Aadhaar card be selected for
dispatch of PAN Card?
Answer:No physical PAN card will be issued, Only e-PAN PDF can be downloaded in e-Filing portal after successful allotment of PAN.

8.How do I check my status of instant PAN application?
Answer:A 15 digit acknowledgement number will be generated when the on-line PAN application is successfully submitted. This 15 digit acknowledgement number can be used to check status in e-Filing Portal.

9. What is the time duration for receiving the PAN card applied through e-KYC?
Answer:Intimation of allotment of PAN will be given to PAN applicant through SMS and email. e-PAN will be issued in the shortest possible time after allotment of PAN, and can be downloaded through e-Filing portal by providing the acknowledgement number and the OTP.

10. What if my mobile number is different from the mobile number registered on UIDAI?
Answer:Please update the active mobile number in Aadhaar and after successful update, apply for e-PAN.

Nine Steps for Revocation of Cancelled GST Registration

Nine Steps for Revocation of Cancelled GST Registration

{ Application for revocation of cancelled GST registration can be accessed within 30 days, from issuance of the Cancellation Order on the GST Portal, after logging in.}

STEPS

1. Access the https://www.gst.gov.in/ URL. The GST Home page is displayed.

2. Login to the GST Portal using your earlier login credentials (i.e. credentials using which you were logging into the GST Portal earlier).

3. Click Services > Registration > Application for Revocation of Cancelled Registration option.

4. In the Reason for revocation of cancellation field, enter the reason for revocation of cancellation of registration.

5. Click the Choose File button to attach any supporting document.

6. Select the Verification checkbox.

7. In the Name of Authorized Signatory drop-down list, select the name of authorized signatory.

8. In the Place field, enter the place where the application is filed.

Note: You can click the SAVE button to save the application form and retrieve it later.

9. Click the SUBMIT WITH DSC or SUBMIT WITH EVC button.

However application for revocation may be accepted or rejected by Tax Official
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RCM on unregistered inward supplies will applied 1st July 2018

RCM on unregistered inward supplies will applied 1st July 2018

As per notification 10/2018 central tax rate, GST RCM on unregistered inward supplied was suspended till 30/06/2018 now Goi and states are not interested to extend it further. If not notified till 30/06/208 means GST RCM on unregistered inward supplies will applied

बेनामी संपत्ति की जानकारी देने पर इनाम की योजना में फंसा I-T डिपार्टमेंट

बेनामी संपत्ति की जानकारी देने पर इनाम की योजना में फंसा I-T डिपार्टमेंट

इनकम टैक्स विभाग ने एक विज्ञापन देकर लोगों से कहा था कि वे अपने आसपास बेनामी संपत्ति जमा करने वालों का खुलासा करें। टैक्स चोरी के बारे में बताएं। इस तरह की जानकारी देने पर इनाम में एक से 5 करोड़ रुपये मिलेंगे। अब यह योजना इनकम टैक्स विभाग के लिए मुसीबत बन गई है। इनाम के चक्कर में इनकम टैक्स विभाग को बेनामी संपत्ति से लेकर टैक्स चोरी तक की इतनी अधिक सूचनाएं मिल रहीं है कि उनकी जांच करने के लिए अब इनकम टैक्स विभाग के पास कर्मचारियों की कमी पड़ गई है।

ऐसे में इनकम टैक्स अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें। इनकम टैक्स विभाग के उच्चाधिकारियों ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से गुहार लगाई है कि या तो सूचनाओं की जांच का काम किसी एजेंसी से कराया जाए या फिर नई भर्तियां की जाएं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कब बेनामी संपत्ति और टैक्स चोरी की सूचनाओं की जांच होगी और कब उन पर कार्रवाई होगी। इनकम टैक्स विभाग ने अपने विज्ञापन में कहा था कि लोग भारतीय नागरिकों की देश-विदेश में बेनामी संपत्तियों की जानकारी फोन, मेल या कूरियर से दे सकते हैं। उनका नाम गुप्त रखा जाएगा।

अब हालत यह है कि इनाम के चक्कर में देशभर में आईटी दफ्तरों में लगातार फोन की घंटियां बज रही है। आईटी विभाग के दफ्तरों में रोज सैकड़ों कॉल आ रही हैं। कमिश्नर ऑफिस में ईमेल और शिकायती चिट्ठियों का अंबार लग गया है। टैक्स चोरी की शिकायत वाले 500 पेज के कई कुरियर भेज रहे हैं। मई में ही इनकम टैक्स विभाग को बेनामी संपत्ति को लेकर करीब 600 जानकारियां मिलीं। अब इन 600 जानकारियों की जांच करना इनकम टैक्स विभाग के लिए मुसीबत बन हुआ है। इनकम टैक्स विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि उनके पास पहले से ही बहुत काम है। उसके लिए कर्मचारी कम थे, अब बेनामी संपत्ति और टैक्स चोरी को लेकर जिस तरह का रिस्पॉन्स मिल रहा है, उसको पूरा करना अब मुश्किल हो गया है।

इनकम टैक्स विभाग में इस वक्त करीब 45,000 कर्मचारी हैं। 30,000 पद करीब 2 साल से खाली है। इनमें अधिकतर एक्जिक्युटिव असिस्टेंट और टैक्स असिस्टेंट के पद हैं। इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के ही 3,000 पद खाली हैं। सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के समय भी इनकम टैक्स विभाग ने सरकार से इन पदों को भरने को कहा था, मगर अभी तक इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।