व्यापारियों को इसी महीने फाइल करना होंगे जीएसटी रिटर्न, चूके तो लग जाएगी पेनल्टी

व्यापारियों को इसी महीने फाइल करना होंगे जीएसटी रिटर्न, चूके तो लग जाएगी पेनल्टी

व्यापारियों को इसी महीने फाइल करना होंगे जीएसटी रिटर्न, चूके तो लग जाएगी पेनल्टी

अप्रैल का महीना जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाला महीना रहेगा और पूरे महीने जीएसटी रिटर्न फाइल होंगे। इससे व्यापारी से लेकर कर सलाहकार सभी जीएसटी रिटर्न फाइल करने में व्यस्त रहेंगे। जीएसटी के साथ ही टीडीएस जमा करने की आखिरी तारीख भी 30 अप्रैल है। इससे चूके तो पेनल्टी भरना होगी।
इसके पहले 31 मार्च इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख थी। इससे व्यापारी, कर सलाहकार के साथ ही सीए इनकम टैक्स के रिटर्न दाखिल करने में व्यस्त थे। अब इस महीने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख है। पूरे महीने में जीएसटी के कई रिटर्न दाखिल होने हैं। इससे सभी इसमें व्यस्त रहेंगे। यह सिलसिला 30 अप्रैल तक चलेगा।

रिटर्न और उनकी आखिरी तारीख
10 अप्रैल- ऐसे डीलर जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए से अधिक है उन्हें फरवरी का जीएसटीआर व बिक्री रिटर्न 10 अप्रैल तक जीएसटी की वेबसाइट पर अपलोड करना है। यदि यह तारीख चूके तो 11 अप्रैल से लेट फीस का भुगतान करना होगा।
18 अप्रैल- ऐसे डीलर जिन्होंने जीएसटी में कंपोजीशन की सुविधा ले रखी है उन्हें जनवरी से मार्च तक की अवधि का जीएसटी रिटर्न- फोर 18 अप्रैल तक अपलोड करना है। यदि इस दिनांक तक अपलोड नहीं करते हैं तो लेट फीस का चालान जमा करना होगा। लेट फीस की गणना सिस्टम द्वारा की जाती है।

पूरे महीने व्यस्त रहेंगे कर सलाहकार
कर सलाहकार नीलेश कुशवाहा ने बताया अप्रैल का महीना जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाला रहेगा लेकिन भुगतान की गई राशि पर आयकर टीडीएस जमा करने की भी आखिरी तारीख भी 30 अप्रैल है। मार्च में आयकर रिटर्न में व्यस्त रहने के बाद अप्रैल महीना पूरा जीएसटी में कर सलाहकार व्यस्त रहेंगे।

20 अप्रैल- जीएसटी में पंजीयन सभी डीलर को प्रतिमाह 3 बी रिटर्न दिनांक 20 तक अपलोड कराना आवश्यक है। इसमें खरीद, बिक्री की जानकारी के साथ कर भुगतान करना होता है। अंतिम दिनांक तक 3 बी अपलोड नहीं करने पर लेट फीस भरना होगी। कंपोजीशन डीलर को 3 बी रिटर्न अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी।
30 अप्रैल- ऐसे डीलर जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ तक है उन्हें जनवरी का जीएसटीआर-1 30 अप्रैल तक अपलोड करना होगा। यह बिक्री रिटर्न है जिसमें डीलर द्वारा बेचे माल की जानकारी दी जाती है। अन्यथा लेट फीस लगेगी।
पुराने जीएसटी नंबर से तैयार हो रहे हैं ई वे बिल
ई वे बिल की प्रक्रिया पर रतलाम ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन ने सवाल खड़े किए हैं। महासचिव प्रदीप छिपानी ने बताया ई वे बिल में कई तरह की दिक्कत है। इससे ट्रांसपोर्टर और व्यापारी परेशान हैं। वाणिज्यिककर विभाग का कहना है कि गलत जीएसटी नंबर से ई वे बिल तैयार नहीं हो सकता है तो अन्य राज्यों से माल आ रहा है वो पुराने जीएसटी नंबर से कैसे आ रहा है। छिपानी ने प्रयास रोडवेज से गलत जीएसटी नंबर से ई वे बिल के जरिए अहमदाबाद से रतलाम माल आने की जानकारी दी थी। जबकि प्रयास रोडवेज का कहना है कि गलत जीएसटी नंबर से ई वे बिल बनने की जानकारी नहीं है। ना ही डिलीवरी के दौरान गलत जीएसटी नंबर से बने ई वे बिल मिले। हम परचून का काम ही नहीं करते हैं।